डा. महेश पारासर के पूर्वज उदयपुर महाराज के राज्य ज्योतिषी थे। सन् 1980 से ज्योतिष, वास्तु, अंकशास्त्र, अनुकूल हस्ताक्षर पर से सम्बंधित परामर्श का कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में महावस्तु (बिना तोड़ फोड़ के रंगों द्वारा उपचार करना) तथा महाज्योतिष (जन्म पत्रिका को देखकर घर में रखी वस्तुओं को बताना जो हमें नुक्सान पहुँचा रही है ) के द्वारा परामर्श एवं शिक्षा प्रदान कर रहे है l आपको समय-समय पर कई सम्मेलनों में सम्मानित किया गया है। ज्योतिष शिरोमणी, ज्योतिष महामहोपाध्याय, वास्तु महर्षि, ज्योतिष वरामहिर, ज्योतिष भूषण, ज्योतिष अंलकार से भी सम्मानित किया गया है। इस समय अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संध नई दिल्ली के आगरा चैप्टर चैयरमैंन एवं ज्योतिष तंत्र शिक्षा प्रसार समिति के अघ्यक्ष पद संभाले हुए हैं, श्री बाबा रमण गिरि ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी हैं। श्री बाबा रमण गिरि सेवा धाम, आगरा में विधिवत् अनुष्ठान एवं यज्ञों का कार्य अपने शिष्यों द्वारा करा रहे हैं।
      डा. महेश पारासर की पुत्री डॉ रचना के भारद्धाज हैं जोकि 17 वर्ष की आयु से अपने पिता के साथ ज्योतिष एवं वास्तु में कार्य कर रहीं है। आपने ज्योतिष में ज्योतिष आचार्य की शिक्षा प्राप्त की है। सम्मेलन में कई बार सम्मानित किया गया है, आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी कर चुकी हैंl पिछले 22 वर्षों से जन्मपत्रिका देखने, समस्याओं का समाधान बताने अच्छा अनुभव प्राप्त कर रखा है। वास्तुशास्त्र में भी शिक्षा प्राप्त कर रखी है। महावास्तु के अनुसार मकान, दुकान, फैक्ट्ररी, कोल्ड स्टोरेज, कॉलेज एवं सभी प्रकार की वास्तु की साइड देखने का एवं ज्योतिष के द्वारा सभी प्रकार की समस्याओं के उपायों की विवेचना करना एवं समाधान बताने का अनुभव प्राप्त है।
  
      आचार्य पुष्पित पारासर जो कि 17 वर्ष की आयु के साथ अपने पिताजी डॉ. महेश पारासर (गुरु जी) जिनका 41 वर्षो से खुद ज्योतिष के छेत्र में बड़ा नाम है उनसे उन्होंने यह विद्या सीखी एवं उनके साथ पिछले 17 वर्षो से ज्योतिष, महावास्तु में कार्य कर रहे है। आपने ज्योतिष में महाज्योतिष की शिक्षा प्राप्त की है और महावास्तु के फाउंडर श्री खुशदीप बंसल जी से महावास्तु आचार्य की उपाधि प्राप्त की है। महावास्तु के अनुसार मकान, दुकान, फैक्ट्ररी, कोल्ड स्टोरेज, कॉलेज एवं सभी प्रकार की वास्तु की साइड देखने के अनुभव प्राप्त है। नक्षत्र 2014 प्रगति मैदान, नई दिल्ली में दैवज्ञ शिरोमणी से भी सम्मानित किया गया है एवं 2015 मैं भृगु ऋषि की उपाधि से भी सम्मानित किया गया। वर्तमान में मेवाड़ विश्वविद्यालय से ज्योतिषशास्त्र में पीएचडी कर रहे हैंl पिछले 17 वर्षों से जन्मपत्रिका देखने, समस्याओं का समाधान बताने का और महावास्तु के अनुसार घर, दुकान, ऑफिस, फैक्ट्ररी, कोल्ड स्टोरेज, कॉलेज एवं सभी प्रकार की वास्तु की साइड देखने का अनुभव प्राप्त कर रखा है।
  
      मैं, आचार्य अनिल कुमार भारद्वाज, ने ग्वालियर से केमीकल इंजीनिरिंग की। उसके बाद उसी कालेज में प्रवक्ता के पद पर कार्य किया। मेरा विवाह 2004 में एक सभ्य एवं प्रतिष्ठित एस्ट्रोलाॅजर व वास्तु का कार्य करने वाले परिवार में हुआ। मेरी पत्नि डा. रचना के भारद्वाज भी एस्ट्रोलाॅजी व वास्तु का परामर्श देती थी। पत्नि के साथ मुझे भी धीरे-धीरे दोनों विषयों में रुचि बढ़ने लगी। मैं ग्वालियर से नई दिल्ली आ गया और हिन्तुस्तान यूनीलीवर का जाॅव ज्वाइन कर ली। जब मेरी के. पी. एस्ट्रोलाॅजी व वास्तु में महारत हासिल हो गई, तो मैंने अपना जाॅव छोडने का निर्णय ले लिया। सन् 2017 से अपना जाॅव छोडकर मैं पूरी तरह भविष्य दर्शन संस्था से जुड़कर के. पी. एस्ट्रोलाॅजी व वास्तु को ही अपना प्रोफेशन बना लिया। उसके बाद में ग्रुप बनाकर इन गूढ़ विद्याओं पर नई-नई खोज में लगा हूँ।