आर्दश रसोई घर
रसोई घर कैसा हो-
- रसोई घर वास्तु के अनुसार आग्नेय दिशा में हो।
- प्लेटफार्म पूर्वी दीवार पर बनाएँ, पूर्व दिशा की ओर मुँह करके खाना बनाएँ।
- ईशान कोण में सिंक बनाए एवं पानी भी ईशान कोण में रखें।
- अग्निकोण में गैस चूल्हा-सिगड़ी रखें।
- अलमारी दक्षिण पश्चिम दीवार पर बनाएँ।
- दक्षिण में पावर प्वाइंट लगाएँ, ग्राइण्डर, ओवन भी लगाएँ।
- वायव्य में फ्रिज रखें।
- जूठे बर्तन न रखें, जैविक क्रियाएँ होती हैं।
- पानी के घड़े उत्तर-पूर्व (ईशान) में रखें।
- खाली सिलेण्डर वायव्य या दक्षिण में रख सकते हैं।
- रसोई घर के सामने शौचालय न बनाएँ, कीटाणु फैलने का डर रहता है।
- सिलेण्डर के ऊपर घड़ा नहीं रखें।
- गैस चूल्हा व पानी का घड़ा पास-पास न रहे। पानी अग्नि के पास रहता है तो पति पत्नी में तनाव रहता है। यदि हो सके तो मनी प्लांट लगा सकते हैं।
- रसोईघर की अस्त-व्यस्तता दरिद्रता की निशानी है साथ ही घर में रहने वाले सदस्यों के आपसी बैर की परिचायक है, अतः रसोईघर भली-भांति व्यवस्थित और साफ रहनी चाहिए।
- चूल्हा साफ-सुथरा रखें निर्बाध चले, पूरे फ्लो में जले, चूल्हा घर की वित्तीय स्थिति का प्रतीक होता है।
- बर्नर ठीक ढंग से कार्य नहीं करता है तो व्यापार व्यवसाय में अवरोध होता है।
- पाइप लाइन या नल में किसी प्रकार का कोई लीकेज न हो।
- कलर गृहणी की कुण्डली के आधार पर चयन करें।
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